असित कुमार हलदर /Asit Kumar haldar
जन्म – 1890, कोलकाता
शिक्षा – कोलकाता कला विद्यालय, 1906 में अवनींद्र नाथ से
शिल्प कला की शिक्षा लियोनार्ड जेनिंगन से।
शिक्षक– 1924, जयपुर
–1925–45 लखनऊ
राष्ट्रीय ललित कला अकादमी के कलाकार सदस्य निर्वाचित
कार्य– चित्रकार, भित्तिचित्रकार, साहित्यकार, समीक्षक, हस्तलिपि।
माध्यम– वाश (प्रमुख),
अन्य माध्यम– टेंपरा, फ्रेस्को सेस्को
शैली – गीतात्मक, काव्यात्मक
विषय– पुराकथाएं, ऐतिहासिक घटनाएं
प्रतिलिपि:–
- अजंता की प्रतिलिपियां –1909–1910,
- जोगीमारा की प्रतिलिपियां–1914, समरेंद्र नाथ के साथ।
- बाघ की प्रतिलिपियां 1921,सुरेंद्रनाथ कर के साथ
- काष्ठ पर लाख की वार्निश करके टेंपरा वजह से चित्रण की नई विधि विकसित की जिसे लैक्जिड विधि कहा जाता है।
- प्रारंभ में रुचि ग्रामीण पटचित्रों की ओर थी।
- इन्हें कला का प्रोत्साहन राखल दास बनर्जी से मिला।
- रवींद्रनाथ ने कहा कि “तुम केवल चित्रकार ही नहीं कवि भी हो यही कारण है कि तुम्हारी तूलिका से रसधार बहती है”
- इनके चित्र में ग्रामीण बालक बालिकाओं, संगीत व संथालों एवं अनेक लोक नृत्य की सुंदरा अभिवक्ति हुई।
- हलदर ने लकड़ी रेशम हार्डबोर्ड,कागज आदि पर जल, तेल, टेंपरा मध्यम में कार्य किया।
असित कुमार हलदर की पुस्तकें:–
ललित कला की धारा
रूप दर्शिका
गौतम गाथा
अवर हेरिटेज इन आर्ट
इंडियन कल्चर ऑफ आर्ट एंड ट्रेडीशन
असित कुमार हलदर के चित्र:–
संथाल लोकनृत्य
सीता
उसकी बपौती
नए पुराने
रासलीला
बसंत विहार
नव वधु
कच्चे देवयानी
अकबर एक निर्माण कार
जंगल की आत्मा
प्रारब्ध
असीम जीवन
यह अंजान सफर
बारिश के दिन
झरना और प्रकृति
यौवन की अंगड़ाई
चैतन्य और डाकू
झरने की आत्मा
तूफान की आत्मा
जंगल की आत्मा
ग्रंथ चित्र:–
मेघदूत
ऋतुसंहार
उमर खय्याम
रामायण
इनके प्रसिद्ध चित्र ध्रुव को 1914 ईस्वी में मिथ्स आफ हिंदुस एंड बुद्धिस्ट में प्रकाशित किया गया।
इन्हें कवि कलाकार भी कहा जाता है।