दिल्ली शिल्पी चक्र

 

दिल्ली शिल्पी चक्र | DELHI SHILPI CHAKRA

स्थापना - 1949


विभाजन के बाद अधिकांश कलाकार जो लाहौर से दिल्ली आ गए उन्होने शिल्पी चक्र का सूत्रपात किया। 

स्वतंत्रता प्राप्ति के समय AIFACS NEW DELHI ही कला सम्बन्धी गतिविधियों की एक मात्र सरकारी संस्था थी।


इसकी कार्य प्रणाली से असंतुष्ट होकर कंवल कृष्ण, के०एस० कुलकर्णी ने त्यागपत्र देकर धनराज भगत, बी०सी० सान्याल के साथ मिलकर 1949 में दिल्ली शिल्पी चक्र की स्थापना की। 

प्रारंभ में शिल्पी चक्र की बैठके जन्तर-मन्तर में खुले में होती थी।

प्रथम प्रदर्शनी- 1949 जनपद स्थित मेसोनिक लॉज की बैरकों में हुई 


सदस्य 

  • हरकिशन लाल,
  •  के०सी० आर्यन
  • दमयन्ती चावला, 
  • दिनकर कौशिक, 
  • जया अप्पा स्वामी, 
  • श्री निवास पण्डित, 
  • बृजमोहन भनोट  थे।

अनके सहसदस्य व छात्र सदस्य भी आ गए जैसे- देवयानी  कृष्ण, सतीश गुजराल, रामकुमार, अविनाशचन्द्र केवलसोनी, राजेश मेहरा, विशम्भर खन्ना, रामेश्वर ब्रूटा, जगमोहन चोपड़ा परमजीत सिंह, अनुपम सूद बाद में प्रतिष्ठित कलाकार के रूप में जाने गए।

कथन- Art Illuminates Life कला जीवन का प्रदीप्त करती है। 

इसकी वार्षिक प्रर्दशनी में गैर सदस्य अतिथि कलाकार को हमेशा आमन्त्रित किया जाता था। ऐसे कलाकारों में शैलोज मुखर्जी प्रमुख थे 


प्रथम चेयरमैन- बी०सी० सान्याल

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