अब्दुर्रहमान चुगताई / Abdurrahman chugtai
जन्म– 1897, लाहौर
मृत्यु –1975
कार्य – चित्रकार, छापा कार,
शिक्षा– प्रारंभिक शिक्षा उस्ताद अमीर बक्श।
–फोटोलीथो में डिप्लोमा –मयो कॉलेज लाहौर
– अवनींद्रनाथ से शिक्षा ,कोलकाता
शिक्षक– मयो कॉलेज लाहौर।
माध्यम– ऐचिंग, वाश, कैलीग्राफी, क्रोमोलिथोग्राफी, टेंपरा ।
- पूर्वज– मुगल शासन में वास्तुकार थे।
- इसके अतिरिक्त इनके चित्रों में विरह का कंपन, प्रकाश का मधुर रंगमयता अंधकार का आह्वान, अल्हड़ सौंदर्य, अंतर्मन को स्पर्श करने वाली मनोव्यथा दिखती है।
- इनके चित्रों में मानव आकृतियां क्षणों के लिए रुकी हुई प्रतीत होती हैं।
- प्रमुख विशेषता – रेखांकन।
- इनके दृश्य काव्य के चित्र सौंदर्य व कल्पना की अनुभूति कराते हैं।
- इन्होंने बंगाल स्कूल की तकनीक के साथ ही त्रुटिहीन सुलेयिय रेखा तथा छाया प्रकाश योजना का प्रयोग किया जो भारतीय कला के विकास में नया मोड़ था।
- हिंदूपुरा कथाओं के साथ ही उन्होंने मिर्जा गालिब उमर खय्याम की शायरियां तथा इकबाल की शायरियों का चित्रण किया।
- मिर्जा गालिब की कविताओं का पहला संग्रह –मुरक्का–ऐ– चुगताई, 1930 32
- दूसरा संग्रह नक्श–ए– चुगतई –1936, दोनों संग्रह लीथो माध्यम में चित्रित।
- खान बहादुर की उपाधि ब्रिटिश सरकार द्वारा 1934 में दी गई। प्रशंसक – पिकासो व एलिजाबेथ द्वितीय
- लोकप्रियता का कारण – पाकिस्तानी टेलीविजन, रेडियो के लोगो तैयार करना व अनारकली नाटक के पर्दे पर अनारकली की पेंटिंग बनाना।
- अपने चित्रों में कैलीग्राफिक लाइन/सुलेखकिय की रेखा का प्रयोग किया।
- पाकिस्तान का प्रथम राष्ट्रीय कलाकार व दक्षिण एशिया का प्रथम आधुनिक मुस्लिम कलाकार चुगताई को माना जाता है।
अब्दुल रहमान चुगताई के चित्र:
सहरा की राजकुमारी
बहने
प्रिंस सलीम
जंगल में लैला– NGMA
जीवन
बुझी हुई लौ
गीत की भेंट
जीवन जाल
हीरामन तोता (एनजीएमए )
होली
ग्लूमी राधिका
दीपदान
प्राण का सांध्य गीत
कवि तुलसीदास
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