एफ0 एन0 सूजा, फ्रांसिस न्यूटन सूजा
जन्म-1924 गोआ के कैथोलिक ईसाई परिवार
मृत्यु- 2002
शिक्षा - मुम्बई कला विद्यालय 1940 में प्रवेश लिया 1943 में स्कूल से निकाल दिए गए।
मुख्य विषयः- स्त्रियां, स्थिर जीवन, व्यक्ति चित्रण
नोटः- इनकी 3 पत्नियां थी।
1. मारिया 2. लिसोलेट 3. बारलैरा (न्यूयार्क)
- 1949 में लन्दन (इंग्लैण्ड) तथा 1967 में न्यूयार्क (अमेरिका) की नागरिकता ली।
- 1948 में पैग ग्रुप के गठन में इनका विशेष योगदान रहा ये पैग के महासचिव भी रहो।
- सूजा मैक्सिको के डियागे रिवेरा (गरीबों के कलाकार) से अत्याधिक प्रभावित थे,
- बाद में पाल सेजान, मातिस, गांगिन का भी प्रभाव पड़ा।
- इन पर खजुराहो की मूर्तिकला की भावभंगिमा का विशेष प्रभाव पड़ा जिसकी प्रेरणा से सूजा ने ‘प्रणयी‘ नामक चित्र लीथो माध्यम में ज्यामितीय रूप में चित्रित किया।
- सूजा आकृतियों के कलाकार के रूप में जाने जाते है। इसके अतिरिक्त रेखांकन में सूजा की गहरी पकड़ थी।
- ब्लेक आर्ट का प्रयोग सूजा ने किया। इनका मानना था कि - ‘‘अमूर्त कला जैसी कोई चीज नही है,
- हर मूर्ति रचना में अमृर्त रचना का तत्व निहित होता है तथा कला में अमूर्त सम्भवहीन है।‘‘
- इन्होने गोआ तथा मुम्बई के शहरी जीवन को अपना विषय बनाया।
- इनके व्यक्तिचित्र विशेष प्रकार के है, जिसमें मुख छोटा बड़ा चिपटा, चेहरे पर इधर-उधर बनाए गए नाक कान विशेष प्रकार के है।
इनकी कला के 2 पक्ष है।
- अंग-भंग आकृतियों कली
- चित्रात्मक आत्मकथा- ‘‘निर्वाना आफ अ मैगोत‘‘
इनके चित्रों की प्रथम प्रदर्शनी लन्दन के बर्लिंगटन हाउस में लगी।
पुस्तक- वर्ड एण्ड लाइन्स -1959
पेरिस प्रदर्शनी- 1956-1960
दिल्ली प्रदर्शनी- 1987-1996
चित्र
सूली
नारी दार्शनिक
महात्मा गांधी और मनुष्य की दशा
सैर को निकलता परिवार
हजरत मोहम्मद
ब्लू लेडी
दार्शनिक और प्रेमी
ईसा और बाईबिल
आदम और ईव का स्वर्ग से बहिष्कार
मैन एण्ड वूमेन -1958
ग्राइंडिग देअर टीथ
पोट्रेट आफ प्रोग्रेसिव आर्टिस्ट
बर्सिलोना
विलाप करता राजा
युद्ध और मृत्यु
जन्म-1955
वूमेन हेड- 1963
बिग्रैड बार्डोट-1966
एक आन्तरिक में नग्न -1966
सोफे पर दो महिलाएं -1966
स्थायी नग्न-1966
इन्टीरियर में महिला -1966
न्यूड –1961
ओडियस रेक्स-1961
प्रणयी- लीथो (ज्यामितीय)