राजा रवि वर्मा



राजा रवि वर्मा / Raja Ravi Verma


जन्म –29 अप्रैल, 1848, केरल के त्रिवेंद्रम जिले में किलिमनूर गांव में त्रावणकोर घराने में हुआ।
मृत्यु – 2 अक्टूबर 1916, आर्टिकल,( त्रिवेंद्रम के निकट)
कार्य– चित्रकार,  छापाकार

शिक्षा:–
प्रारंभिक शिक्षा  तंजौर शैली के चित्रकार अलागिरी नायडू से जो मदुरई के चित्रकार थे (शिक्षा 11 वर्ष की उम्र में)
इसके बाद रामास्वामी नायडू से शिक्षा ली
तैल चित्र की शिक्षा थियोडोर जैंसन से ली (14 वर्ष की उम्र में)

पिता– अज्हूमविल नीलकंठन भट्टाथिरीपद
माता– उमाअंबा/अंबाबाई (कवियत्री –रचना –पार्वती स्वयंवरम)
पत्नी– भागीरथी बाई (विवाह 1866)
भाई– गोंडा वर्मा, सी0राज वर्मा (आउटडोर पेंटर)
बहन– मंगला बाई –सबीह चित्रकार
पुत्र –केरला वर्मा, रामा वर्मा– (जेजे स्कूल के छात्र)
पुत्री– महाप्रभा अम्मा, चेरिया अम्मा, उमा अम्मा
माध्यम– तैल
शैली –विशिष्ट यथार्थवादी
तकनीकी– यूरोपीय
विषय –भारतीय पौराणिक

  • भारतीय कला के क्षेत्र में पहले  तैल चित्रण/ तैल माध्यम का प्रारंभ। कैलेंडर कला के अग्रदूत माने जाते हैं।
  • इन्होंने ही सर्वप्रथम स्वर्ग नरक के दृश्यों का अंकन किया।
  • चित्रकारों का राजकुमार कहा जाता है।
  • राजा रवि वर्मा ने विशेषकर केरल की नारियों का चित्रण किया, जिन्हें देखकर टिशियां व रूबेंस का स्मरण होता है।
  • शैली की दृष्टि से इन्होंने नवशास्त्रीय वाद तथा मॉडल की दृष्टि से यथार्थवादी शैली का सृजन किया।
  • इन्होंने अनेक राजा महाराजाओं तथा सामंतों के व्यक्ति चित्र बनाएं।
  • बड़ौदा के दीवान सर माधवराव के परामर्श से 1893 में लीथो प्रेस जर्मनी से आयात कर मुंबई के गिरीग्राम या घाटकोपर में 1894 में स्थापित किया।
  • गोवर्धन दास खेतान माखन जी ने आर्थिक सहायता प्रदान की थी,
  • इससे निर्मित इनका पहला ओलियोग्राफ चित्र शकुंतला का जन्म है।
  • 1901 में इन्होंने यह प्रेस जर्मन टेक्नीशियन फ्रेंच सेंचिलर को बेच दिया।
  • इनके सर्वाधिक  चित्र लक्ष्मीविलास संग्रहालय गुजरात, तथा दूसरे नंबर पर त्रिवेंद्रम संग्रहालय में है।
  • ईवी हैवेल इनके चित्रों पर काव्यात्मकता के अभाव का आरोप लगाया है।
  • एके स्वामी ने उनके चित्र पर नाटकीयता का आरोप लगाया है।
  • जया अप्पा स्वामी ने इनके चित्रों के लिए विक्टोरियन इंडियन शब्द का प्रयोग किया।
  • राजा रवि वर्मा पर पारसी नाटक मंडलियों का प्रभाव था।
  • मलयालम फिल्म मकरमज्जू इन्हीं के जीवन पर आधारित है जिसका निर्देशन लेनिन लेनिन राजेंद्रन ने किया।
  • रणजीत देसाई द्वारा लिखित राजा रवि वर्मा की आत्मकथा बहुत लोकप्रिय है।
  • इनके जीवन पर बॉलीवुड में बनी फिल्म रंगरसिया कलर आफ पैशन है, जिसका निर्देशन केतन मेहता ने किया और राजा रवि वर्मा का किरदार रणदीप हुड्डा ने निभाया है।
  • मूवी 7 फरवरी 2014 को रिलीज हुई थी।
  • मावेलिकारा, केरल में इनके सम्मान में आर्ट्स कॉलेज खोला गया।
  • 2013 में बुध ग्रह का नाम बदलकर क्रेटर वर्मा इन्हीं के सम्मान में कर दिया गया।
  • घोड़े पर मैसूर के राजा की 3D प्रिंटिंग मैसूर महल में संग्रहित है।
  • विश्व की सबसे महंगी साड़ी जो 12 रत्नों व धातुओं से सज्जित है, जिसका मूल्य ₹40लाख है, राजा रवि वर्मा के चित्रों के नकल से सुसज्जित है।
  • पर्सी ब्राउन ने इनके चित्रों को भद्दे व करकस रंग योजना  अकुशल चित्रकार कहा।
प्रदर्शनी व पुरस्कार
  1. 1866 – ओनर ऑफ़ बंगाल
  2. 1973– मद्रास प्रदर्शनी में स्वर्ण पदक (प्रथम प्रदर्शनी)
  3. 1880–गायकवाड स्वर्ण पदक, पूना प्रदर्शनी
  4. 1892– वियना प्रदर्शनी
  5. 1892/93– शिकागो प्रदर्शनी (वर्ल्ड कोलोवियन एक्सबिशन) तीन स्वर्ण पदक।
  6. 1904–केसर ए हिंद (लॉर्ड कर्जन द्वारा)
  7. उदयपुर दरबार में राजाओं के चित्र बनाए।

राजा रवि वर्मा के चित्र





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