विनोद बिहारी मुखर्जी

 


विनोद बिहारी मुखर्जी / Vinod Bihari Mukharji


जन्म– 1904, कोलकाता, बेहला (पश्चिम बंगाल)
मृत्यु– 1980
पत्नी–लीला मुखर्जी
पुत्री– मृणालिनी मुखर्जी
शिक्षा – नंदलाल बसु से– शांतिनिकेतन कोलकाता।
शिक्षक– शांतिनिकेतन
         –1951–52 –वनस्थली विद्यापीठ में विभागाध्यक्ष

  • नेपाल के संग्रहालय में अध्यक्ष व शिक्षा विभाग के सलाहकार रहे।
  • 1954 –पटना कला विद्यालय के संगठन हेतु नियुक्ति।
  • 1958– पुणे शांति निकेतन में व्याख्याता पद पर कार्य किया।
  • ललित कला अकादमी के फैलो निर्वाचित।
  • कार्य –भित्ति चित्रकार, चित्रकार, छपाकर
  • माध्यम–टेंपरा, फ्रेस्को बूनो, कोलाज, काष्ठ, एचिंग, कैलीग्राफी वुडकट।
  • विषय–दैनिक जीवन
  • शैली– प्रयोगवादी शैली
  • पदम विभूषण –1974

पुस्तकें :
आधुनिक शिल्प शिक्षा,चित्रकार

  • भारतीय कला से आधुनिक कला का सेतबंध कहा जाता है।
  • इनके जीवन पर बनी डॉक्यूमेंट्री फिल्म "द इनर आई" है,निर्देशक सत्यजीत रे  हैं।
  • यह पारसी मिश्र निग्रो कलाकृतियां, एशियाई देशों की कला, कालीघाट की पट शैली तथा ग्राम्य खिलौने से प्रभावित रहे।

विनोद बिहारी मुखर्जी के चित्र:
मंदिर का घंटा
मध्यकालीन हिंदू संत/मेडबल हिंदू संत– हिंदी भवन में चित्रित है –1947–48
ग्रामीण जीवन
संत कबीर
रात्रि में जंगल का मार्ग
बनारस के घाट
शांति की दोपहर
केश विन्यास
आटम इन द गार्डन
टी लवर
गली में चलते-फिरते
जंगल
औरतें बालक और वृक्ष

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