देवकीनंदन शर्मा (मोरों का चितेरा, राजस्थान का मंसूर)

 देवकीनंदन शर्मा / Devaki Nandan Sharma

उपाधि –मोरों का चितेरा, राजस्थान का मंसूर।

जन्म– 1917, अलवर, राजस्थान।

मृत्यु– 2005

शिक्षा –राजस्थान, स्कूल ऑफ आर्ट जयपुर। 

        –भित्ति चित्रण– शांतिनिकेतन में बी0वी0 मुखर्जी और नंदलाल बोस से।

शिक्षण – वनास्थली विद्यापीठ 1936

           –1953 –वनस्थली विद्यापीठ में म्यूरल तकनीक के लिए ट्रेनिंग कैंप का आयोजन करते थे।

प्रिय विषय– पक्षी अंकन।

  • राजस्थान ललित कला अकादमी के उपसभापति  व फेलो निर्वाचित हुए।
  • 1963 लंदन की ट्रायल कला वीथिका के संचालक।
  • AD ट्रायल ने अंतराष्ट्रीय पक्षी कलाकारों के पक्षी चित्रों का अध्यन किया और ब्रिटिश इनफॉरमेशन सर्विस में विश्व के 18 पक्षी चित्रकारों में शामिल किया। 
  • 1967 पहली बार मुंबई नेचुरल हिस्ट्री सोसाइटी में पक्षी चित्रों की प्रदर्शनी की। 
  • इनके पक्षी चित्र में मोर आकृतियां सर्वश्रेष्ठ है


देवकीनंदन शर्मा के चित्र

ढोला मारू

बैलगाड़ी की यात्रा 

मोर व कछुआ 

और नया पुराने

संपर्क फ़ॉर्म